महिला एवं बाल विकास मंत्रालय दिव्यांग बच्चों हेतु आंगनवाड़ी प्रोटोकॉल शुरू करने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित करेगा जो मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के ‘पोषण भी पढाई भी’कार्यक्रम के लिए बड़ी प्रतिबद्धता है
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी कल कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी
अरवा न्यूज़ सर्विस
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय दिव्यांग बच्चों के लिए आंगनवाड़ी प्रोटोकॉल शुरू करने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है, जो मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के‘पोषण भी पढाई भी’ कार्यक्रम के तहत बड़ी प्रतिबद्धता है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी करेंगी। कार्यक्रम कल (28 नवंबर 2023) विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा । केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी इसमें मुख्य भाषण देंगी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और आयुष राज्य मंत्री श्री मुंजपारा महेंद्रभाई भी सभा को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में श्री इंदीवर पांडे, सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, श्री सुधांश पंत, सचिव, एमओएचएफडब्ल्यू और श्री राजेश अग्रवाल, सचिव, डीईपीडब्ल्यूडी भी भाग लेंगे। आंगनवाड़ी केंद्र में शीघ्र पहचान, स्क्रीनिंग और समावेशन के लिए रणनीतियों पर एक पैनल चर्चा होगी। एमओएचएफडब्ल्यू, डीईपीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी और राज्य डब्ल्यूसीडी के सचिव और एनआईएमएचएएनएस जैसे प्रमुख संगठनों के विशेषज्ञों के भाग लेने की उम्मीद है। देश भर से सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ता भी भाग लेंगी। दिव्यांग बच्चों के लिए काम करने और उनकी देखभाल करने का अनुभव रखने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने अनुभव और काम करने के सर्वोत्तम तरीकों को साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य यह उजागर करना है कि जोखिम वाले या दिव्यांगता और/या देरी से विकास करने वाले शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप, विशेष सहायता और सेवाओं के माध्यम से बच्चों की सेहत में समग्र सुधार संभव है। परिवार और सामुदायिक जीवन में दिव्यांग बच्चों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए परिवारों और समुदायों को शिक्षित करने और इस काम में उनकी मदद करने की आवश्यकता है। जन्म से लेकर छह वर्ष तक के आठ करोड़ से अधिक बच्चों तक दैनिक आधार पर पहुंच बनाकर उनके भविष्य को सुरक्षित करने हेतु उनका आधार मजबूत करने के लिए आंगनवाड़ी इको-सिस्टम महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना के बजाय दिव्यांग छात्रों को मुख्यधारा के स्कूलों से जोड़ने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। फाउंडेशनल स्टेज 2022 के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा स्कूलों में बच्चों के विकास में देरी और दिव्यांगता से निपटने के तरीकों की सिफारिश करती है, जिसमें संकेतों और लक्षणों पर सलाह भी शामिल है। इन दृष्टिकोणों के अनुसरण में, पोषण भी पढाई भी कार्यक्रम ने खेल-आधारित और गतिविधि-आधारित शिक्षण के लिए राष्ट्रीय ईसीसीई टास्कफोर्स की सिफारिश को अपनाया है और दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष और समय पर सहायता की दृढ़ता से वकालत करता है। दिव्यांगजन के लिए मसौदा राष्ट्रीय नीति (2021) के अनुसार, अनुमान है कि भारत में अधिकांश दिव्यांगताओं में से एक-तिहाई मामलों को रोका जा सकता है, यदि उनका शीघ्र पता लग जाये और पर्याप्त रूप से उनका इलाज हो। भारत की भावी पीढ़ियों के नींव को मजबूत करने पर केन्द्रित ‘पोषण भी पढाई भी’कार्यक्रम के माध्यम से, 13.9 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को बच्चों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बहु-संवेदी और खिलौना-आधारित दृष्टिकोण अपनाने के लिए कुशल बनाया जाएगा।